नामुराद लम्हों के परिंदे
सुन्दर है
नदियों की परिकथा
लेकिन इससे
प्यासे होटों का बाबिस्ता क्या
समुन्दर की स्याही
सितारे बनके
आकाश के कागज़ पे उतरे
लेकिन इससे
उदास मन के खामोश लम्हों को क्या ?
काली जुल्फों की रेशमी हवाएँ
संगीत सुना सकती है
लेकिन इससे
सर्द होते
मेरी धड़कनो को क्या ?
मखमली फिजाओं की जादूगरी
घर की दहलीज तक आ सकती है
लेकिन इससे
स्याह होते चहरे को क्या ?
अरे ,नामुराद लम्हों के परिंदे
गीत मत गा
बुझते चूल्हों को जला
टूटते खाबों को सजा।
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